आप 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के बारे में कितना जानते है। आखिर 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस। अब तक कितनी बार मनाया जा चुका है। 26 जनवरी का स्टेटस क्या है और 26 जनवरी का इतिहास क्या है? आज आपको एक भारतीय होने के नाते इसके पीछे की वजह को जान लेना चाहिए।
पूरे भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) धूमधाम से मनाया जाता है। अबकी बार भारत अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। जो प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है। 26 जनवरी का दिन भारत के इतिहास में सुनहरे यादों को ताजा करने का दिन है।
हर वर्ष गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से एक स्वतंत्रता मिली थी। लेकिन स्वतंत्रता के बाद भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं था। भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कमेटी बनाई गई जिसमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चेयरमैन नियुक्त किए गए।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में अलग-अलग देशों के संविधान की समीक्षा करने के बाद 2 साल 11 महीने 18 दिन में भारत के संविधान का प्रारूप तैयार किया गया। 26 नवंबर 1949 को डॉ भीमराव अंबेडकर ने कमेटी के साथ मिलकर संविधान को सभापति को सौंप दिया। लेकिन 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण करके पूर्ण गणराज्य घोषित कर दिया। 26 जनवरी 1950 के ऐतिहासिक दिन को प्रत्येक साल देशभर में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में आन बान और शान के साथ मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
26 जनवरी गणतंत्र दिवस (Republic Day) देश की राजधानी नई दिल्ली में बहुत ही खास तरीके से मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन नई दिल्ली में राजपथ पर एक भव्य परेड आयोजित की जाती है। यह भव्य परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट की ओर बढ़ती है।
परेड में भारत के राष्ट्रपति सहित भारत और विदेशों के गणमान्य व्यक्ति मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हैं। विभिन्न राज्य अपनी-अपनी परेड के रूप में सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक नृत्य, वेशभूषा और झांकियों का प्रदर्शन करते हैं।
इस दिन का मुख्य आकर्षण परेड होती है इस परेड में सैन्य दलों और मिलिट्री बैंड के साथ जांबाज सैनिक विभिन्न प्रकार के करतब दिखाते हैं। जो प्रत्येक भारतीय के लिए अपने देश पर गर्व करने पर मजबूर कर देता है। गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर भारत के राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों में खास मुकाम हासिल करने वाले नागरिकों को पद्म भूषण देकर सम्मानित करते हैं।
यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस पर देखें ये देशभक्ति फिल्में
गणतंत्र दिवस पर झंडा कौन फहराता है?
भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas) के मौके पर राजपथ पर आयोजित समारोह में ध्वजारोहण करते हैं। इस मौके पर राष्ट्रपति भव्य परेड की सलामी भी लेते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में राज्यपाल ध्वजारोहण करते हैं।
जिला, तहसील, ग्राम स्तर पर सम्मानित पद को हासिल करने वाले व्यक्ति द्वारा गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जाता है। लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराते है।
1947 से पहले 26 जनवरी को क्या कहा जाता था?
26 जनवरी के दिन को 1947 से पहले गणतंत्र दिवस के रूप में नहीं जाना जाता था। इस दिन का 1947 से पहले कोई विशेष महत्व या नाम नहीं था। बस, यह दिन जनवरी महीने की 26 तारीख माना जाता था। हालांकि, इस दिन से पहले महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह जैसी शख्सियतों के नेतृत्व में स्वतंत्रता पाने के लिए दशकों तक आन्दोलन चलते रहे।
आखिरकार, ब्रिटिश सरकार ने 1946 में घोषणा कर दी थी कि अब वह सत्ता की बागडोर भारतीयों को सौंप देगी। भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारत के गणतंत्र बनने के बाद, 26 जनवरी को आधिकारिक तौर पर भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में घोषित किया गया।
सबसे पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया था। आजादी के बाद, भारत के संविधान को 26 जनवरी, 1950 को अपनाया गया था। तब से, भारत में 26 जनवरी के दिन को आधिकारिक तौर पर गणतंत्र दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त है और हर साल इस दिन को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।