5 दिन में NPS से पैसा कैसे निकाले: प्रक्रिया, फार्म, नियम, सीमा | NPS Withdrawal Rules in Hindi

एनपीएस विड्रॉल के नियम, आंशिक वापसी की ऑनलाइन प्रोसेस, एनपीएस से पैसे निकालने के तरीके, एनपीएस विड्रॉल फॉर्म, एनपीएस से पैसे निकालने के पर्पस और कितने प्रतिशत पैसा निकलेगा आदि के बारे में पूरी जानकारी देखें।

NPS Withdrawal Rules in Hindi

शुरुआत2004
स्कीम का नामरिटायरमेंट सेविंग स्कीम
समय अवधिकम से कम 3 वर्ष
आंशिक वापसी25% तक
आंशिक निकासी फॉर्म601 PW फॉर्म
आवेदन प्रक्रियाऑफलाइन, ऑनलाइन
ऑनलाइन अप्लाईcra-nsdl.com

एनपीएस योजना क्या है और लाभ

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। इस स्कीम को केन्द्र सरकार ने 2004 में गवर्नमेंट कर्मचारियों की पेंशन बंद करके NPS लांच किया गया था। बाद में, 2009 में सरकार ने NPS Scheme को प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए भी शुरू कर दिया।

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा कर्मचारियों को लाभ देने के लिए परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर जारी किया जाता है। इस PRAN नंबर में हर महीने कर्मचारी का 10% पैसा जमा होता है और उतना ही शेयर नियोक्ता जमा करवाता है। NPS खाते से कर्मचारी जरुरत के समय पैसा निकाल सकता है।

NPS में टियर 1 और टियर 2 का क्या मतलब है?

NPS अकाउंट दो प्रकार का होता है। एक NPS Tier 1 और दूसरा NPS Tier 2 अकाउंट होता है। टियर-1 पेंशन अकाउंट होता है जिसमें कर्मचारी का पैसा जमा होता है। सभी कर्मचारियों के लिए टियर-1 अकाउंट खोलना अनिवार्य है।

Tier-2 इन्वेस्टमेंट अकाउंट होता है। इसमें कर्मचारी की मर्जी होती है चाहे तो वह टियर-2 अकाउंट में ऑनलाइन पैसा इन्वेस्टमेंट कर सकता है। टियर-2 अकाउंट में से भी जरुरत पड़ने पर NPS से Partial Withdrawal किया जा सकता है। या फिर Tier-2 का पैसा Tier-1 खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते है।

यह भी पढ़ें:- NPS से हर महीने 50000 रुपये पेंशन के लिए कितना करें निवेश

NPS Partial Withdrawal – NPS से पैसा कब निकाल सकते है?

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) एनपीएस के अंतर्गत निकास और आहरण रेगुलेशन 2015 के अनुसार एनपीएस से निम्न परिस्थितियों में पैसा निकाला जा सकता है।

सेवा अवधि पूरी होने के बाद

जब किसी कर्मचारी की आयु 58/60 वर्ष की पूरी हो जाती है तो संबंधित विभाग उस कर्मचारी हो रिटायर कर देता है। सेवा अवधि पूरी होने के बाद कर्मचारी अपनी कुल जमा राशि का 60 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है। बचा हुआ 40 प्रतिशत हिस्से का इन्युटी खरीदना होगा जो कर्मचारी को नियमित मासिक पेंशन प्रदान करेगा। अगर कर्मचारी के एनपीएस खाते में 5 लाख रुपये से कम है तो कर्मचारी 100 प्रतिशत पैसा निकालने का दावा कर सकता है।

समयपूर्व निकासी

एनपीएस से कर्मचारी अपनी सेवा काल के दौरान विभिन्न पर्पस के लिए पैसा निकाल सकता है। इसके लिए कर्मचारी को एनपीएस फॉर्म के साथ जरुरी कागजात भी जमा कराने होंगे। समयपूर्व निकासी के समय कर्मचारी के खाते में 2.5 लाख रुपये से कम है तो कर्मचारी 100 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है। एनपीएस खाते से पैसा निकालने के लिए 3 वर्ष पूरे होने चाहिए।

#बच्चों के लिए उच्च शिक्षा (Higher education for children)
#बच्चों की शादी (Marriage of children)
#आवासीय घर या फ्लैट की खरीद या निर्माण (Purchase or construction of a residential house or flat)
#विशिष्ट बीमारियों का उपचार (Treatment of specified illnesses)
#विकलांगता/अक्षमता के कारण चिकित्सा और घटना व्यय (Medical & incident expenses due to disability/ incapacitation)
#कौशल विकास – कौशल विकास या कोई अन्य आत्म विकास गतिविधियां (Skill development – skilling or any other self development activities)

मृत्यु होने पर

जब किसी कर्मचारी की सेवा अवधि काल में मृत्यु हो जाती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी के एनपीएस खाते में जमा सारा पैसा नॉमिनी जो क़ानूनी रुप से हक़दार हो उसे दिया जाता है।

एनपीएस से कितना पैसा निकाल सकते हैं?

पीएफआरडीए (PFRDA) रेगुलेशन 2015 के रूल 8 अनुसार सब्सक्राइबर एनपीएस में अपने शेयर में से आंशिक निकासी का लाभ उठा सकते है। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से 25 प्रतिशत तक पैसा निकाला जा सकता है।

एनपीएस से आंशिक निकासी करने के लिए कर्मचारी की सेवा कम से कम 3 वर्ष पूरे होने चाहिए। आहरण राशि कर्मचारी द्वारा किए गए अंशदान के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए और अधिकतम केवल तीन बार पैसा निकाला जा सकता है।

बच्चों के लिए उच्च शिक्षा (Higher education for children)

कर्मचारी अपने बच्चों को किसी मान्यता प्राप्त इंस्टिट्यूट, बोर्ड और यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा और डिग्री करवाने के लिए अपने एनपीएस खाते से 25 प्रतिशत तक पैसा निकलवा सकता है। इंस्टीट्यूट द्वारा जारी किया गया एडमिशन लेटर के साथ फीस की डिटेल भी जमा करवानी होगी।

बच्चों की शादी (Marriage of children)

कर्मचारी अपने बच्चों की शादी करने के लिए एनपीएस खाते से अपने जमा शेयर का 25 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है। कर्मचारी को डॉक्यूमेंट के तौर पर सेल्फ डिक्लेरेशन देनी होगी।

आवासीय घर या फ्लैट की खरीद या निर्माण (Purchase or construction of a residential house or flat)

कर्मचारी अपने व बच्चों के लिए आवासीय घर या फ्लैट की खरीद या निर्माण कार्य के लिए अपने जमा शेयर का 25 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है। कर्मचारी को प्रूफ के लिए संपत्ति के कागजात की फोटोकॉपी, एप्रूव्ड साईट प्लान और सेल्फ डिक्लेरेशन या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी या बैंक से ऋण प्रस्ताव पत्र और सेल्फ डिक्लेरेशन देने होंगे।

यदि एनपीएस सब्सक्राइबर्स के पास पहले से या तो व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त नाम से पैतृक संपत्ति के अलावा एक आवासीय घर या फ्लैट है, तो पीएफआरडीए नियमों के तहत किसी भी निकासी की अनुमति नहीं है।

विशिष्ट बीमारियों का उपचार (Treatment of specified illnesses)

कर्मचारी अपना और अपने परिवार का उक्त बीमारियों से इलाज करवाने के लिए जमा राशि का 25 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है। कर्मचारी को डॉक्यूमेंट के तौर पर डॉक्टर द्वारा जारी किया गया सर्टिफिकेट भी जमा कराना होगा।

1. कैंसर [Cancer]
2. गुर्दे की विफलता (अंत चरण गुर्दे की विफलता) [Kidney failure (end stage renal failure]
3. प्राथमिक फुफ्फुसीय धमनी [Primary pulmonary arterial]
4. उच्च रक्तचाप [Hypertension]
5. मल्टी स्केलेरोसिस [Multi-sclerosis]
6. प्रमुख अंग प्रत्यारोपण [Major organ transplant]
7. कोरोनरी रक्तवाहिनी बायपास ग्राफ्ट [Coronary artery bypass graft]
8. एओर्टा ग्राफ्ट सर्जरी [Aorta graft surgery]
9. आघात [Stroke]
10. हृद्पेशीय रोधगलन [Myocardial infarction]
11. प्रगाढ़ बेहोशी [Coma]
12. कुल अंधापन [Total blindness]
13. पक्षाघात [Paralysis]
14. गंभीर/जानलेवा प्रकृति की दुर्घटना [Accident of a serious/ life-threatening nature]

गंभीर बीमारी के उपचार में सब्सक्राइबर उसके कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी, बच्चे, कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे या आश्रित माता-पिता के इलाज के लिए एनपीएस खाते से आंशिक निकासी ले सकता है।

कौशल विकास या कोई अन्य आत्म विकास गतिविधियां (Skill development or any other self development activities)

कौशल विकास के तहत आंशिक निकासी के लिए 25 प्रतिशत तक पैसे निकाले जा सकते है। इसके लिए, शर्त यह है कि पाठ्यक्रम की अवधि 3 महीने या उससे अधिक होनी चाहिए। पाठ्यक्रम या तो एक नियमित कार्यक्रम या दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम या एक कौशल विकास कार्यक्रम होना चाहिए।

अगर आप नौकरी छोड़ देते हैं तो एनपीएस का क्या होता है?

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को चालू रखने के लिए खाते में हर महीने योगदान की राशि जमा होनी जरुरी है। यदि आप किसी कारण से नौकरी छोड़ देते हैं तो उस समय तक जमा हुई राशि का 20% तक निकाल सकते है। एनपीएस खाताधारक को बाकी 80% पैसे से पीफआरडीए के पैनल में बने रहने के लिए सर्विस प्रोवाइडर से एन्यूटी खरीदनी होगी।

दूसरा तरीका: एनपीएस खाते को एक्टिव रखने के लिए आपको मौजूदा खाता में रुपये निवेश करने की जरूरत है। किसी कारण से नौकरी छुटने के बाद आप अपने एनपीएस खाते को ऑल सिटीजन मॉडल में चेंज करके कम से कम 1,000 प्रति वर्ष जमा करके NPS अकाउंट को चालू रख सकते है। आप चाहे तो अपने खाते में अधिक निवेश भी कर सकते है।

अगर मैं नौकरी बदलता हूं तो एनपीएस का क्या होता है?

एनपीएस स्कीम केंद्र सरकार, केन्द्रीय कर्मचारियों, राज्य कर्मचारियों, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और ऑल सिटीजन मॉडल के लिए काम करता है। अगर आप नौकरी बदलते है तो NPS account बंद करने की जरुरत नहीं है बल्कि बिना PRAN नंबर बदले नए पोस्टिंग स्टेशन पर अपना एनपीएस अकाउंट शिफ्ट या ट्रांसफर कर सकते हैं।

एनपीएस से पैसे कैसे निकाले?

एनपीएस खाते से पैसा निकालने के लिए पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने कुछ नियम और शर्तें जारी की है। एनपीएस खाते से आंशिक पैसे निकालने के लिए आवेदन-पत्र नोडल कार्यालय/ पीओपी/ एग्रीगेटर को सबमिट करना होगा।

NPS Partial Withdrawal के लिए 601 PW फॉर्म के साथ एनपीएस कार्ड (PRAN Card), पैन कार्ड (PAN Card), आधार कार्ड (Aadhar Card), कैंसिल चेक (Cancel Cheque) और बैंक पासबुक (Bank Passbook) की फोटो कॉपी संलग्न होनी चाहिए। बैंक खाते में नाम, बैंक खाता नंबर, बैंक आईएफएससी कोड आदि विवरण एनपीएस खाते से मिलना चाहिए।

विभाग के संबंधित अधिकारी कर्मचारी द्वारा सबमिट किए गए NPS Partial Withdrawal 601 PW फॉर्म की जाँच पड़ताल करने के बाद, अगर सभी सही पाया जाता है। एक सप्ताह के अंदर एनपीएस का पैसा कर्मचारी के बैंक अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कर किया जाता है।

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