Bhim Rao Ambedkar Jayanti 2022 - बाबा साहेब के कामों से जुड़ी 9 अनजानी बातें जिनके लिए आप हमेशा याद रखेंगे।

आज पूरा देश संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar) की 131वीं जयंती मना रहा है।

आइए जानें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से जुड़े कामों के बारे में जिनके कारण बाबा साहेब मसीहा बनें।

भारत में काम के 14 घंटे तय किए थे लेकिन बाबा साहेब ने भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में काम के घंटों की संख्या को 8 घंटे कर दिया था।

कहा जाता है कि अगर बाबा साहेब न होते तो भारत में हर व्यक्ति को औसतन 14 घंटे काम करना होता।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar) देश के संविधान निर्माता और आजाद भारत के पहले कानून मंत्री बने।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

अंबेडकर शुरू से ही जम्मू कश्मीर में लागू आर्टिकल 370 के विरोधी थे क्योंकि वे नहीं चाहते थे कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए।

अंबेडकर ने 1955 में देखा कि मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों के विभाजन की बात कही थी। लेकिन 45 साल बाद इन राज्यों का विभाजन से छत्तीसगढ़ और झारखंड बने।

स्कूल के शिक्षक कृष्णा महादेव आंबेडर ने भीमराव के प्रति खास स्नेह के कारण बाबा साहेब के नाम के साथ अंबेडकर जोड़ दिया था।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा 1935 में लिखी अपनी आत्मकथा ‘वेटिंग फॉर ए वीजा’ को कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाता है।

अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें